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भारत सरकार ने जारी किया भारत का नया मानचित्र Government of India released new map of India

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New map 1947 में जम्मू कश्मीर में 14 ज़िले होते थे- कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रइसी, अनंतनाग, बारामुला, पूंछ, मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वज़ारत, चिल्लाह एवं ट्रायबल टेरेरिटी. 2019 में सरकार ने जम्मू कश्मीर पुर्नगठन करते हुए 14 ज़िलों को 28 ज़िले में बदल दिया हैं. नए ज़िलों के नाम है- कुपवाड़ा, बांदीपुर, गेंदरबल, श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा, सोपियां, कुलगाम, राजौरी, डोडा, किश्तवार, संबा, लेह और लद्दाख. हालांकि इस नए नक्शे को लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिली हैं. फ़ेसबुक पर डांडू कीर्ति रेड्डी ने लिखा है, क्या पाकिस्तान और चीन ने आज़ाद कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और अक्साई चीन भारत को लौटा दिया है, ये कब हुआ. भारत सरकार ने शनिवार(2 दिसंबर 2019) को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद नया नक्शा जारी कर दिया है. इस नक्शे को भारत के सर्वे जनरल ने तैयार किया है. गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में दो ज़िले होंगे- करगिल और लेह. इसके बाद बाक़ी के 26 ज़िले जम्मू कश्मीर में होंगे.

उपनिवेशवाद क्या है? और उपनिवेशवाद का क्या अर्थ है?

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उपनिवेशवाद का क्या अर्थ है? क्या यह एक देश द्वारा दूसरे देश पर केवल राजनितिक नियंत्रण है या यह एक देश द्वारा दूसरे देश के आर्थिक दमन की प्रक्रिया को भी निर्दिष्ट करता है? उपनिवेशवाद की व्याख्या विभिन्न विद्वान भिन्न-भिन्न प्रकार से करते हैं? इस पोस्ट में हम उपनिवेशवाद के विभिन्न दृष्टिकोणों तथा साथ ही अन्य सम्बंधित पहलुओं से आपका परिचय करेंगें! 1) बड़ी संख्या में समाजशाडहतरियों राजनितिक वैज्ञानिकों व अर्थशास्त्रियों द्वारा यह विचार प्रस्तुत किया जाता है की औपनिवेशिक समाज मूल रूप से एक परम्परागत समाज था या दूसरे शब्दों में उपनिवेशवाद ने पूर्वे-औपनिवेशिक समाज के मूल सामाजिक-आर्थिक तत्वों को बने रखा! उत्तर-औपनिवेशिक परम्परागत सामाजिक-आर्थिक ढाँचे से आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ाने लगा! २)तथापि कुछ उपनिवेशवाद को एक ऐसे परिवर्ती समाज के रूप में देखते हैं जो की आर्थिक सामाजिक व रानीतिक रूप से सेक परम्परागत व पूर्व-औपनिवेशिक समाज से आधुनिक पूंजीवादी समाज में परिवर्तित हो रहा था!  2)तथापि अन्य कई लेखकों का मानना है की उपनिवेशवाद एक दोहरा समाज प्रस्तुत करता जिसमे एक छत्र आधुनिक व पूंजीवादी है ज