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Showing posts from July, 2019

Article 35-A क्या है? और जम्मू-कश्मीर इसे क्युं बचाना चाहती है ?

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1.क्या मामला  है - 2.जम्मू-कश्मीर इसे क्युं बचाना चाहती है ? Article 35-A जब लागू किया गया, तब यह मूल संविधान का हिस्सा नहीं था। यह सीधे राष्ट्रपति के आदेश पर संविधान में शामिल कर दिया गया। इसको लेकर साल 2014 में एक सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई। इसके बाद से यह मामला जोरोंं पर है। वर्तमान केंद्र में मौजूद भारतीय जनता पार्टी इस Article का विरोध कर रही है। पूरे भारत में एक कानून की मांग लगातार बनी हुई हैं। वहीं, जम्मू और कश्मीर में मौजूद राजनीतिक दल और अलगावादी इसके समर्थन में हैं। लेकिन जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इसको लेकर आक्रामक हो गई हैं।  जिससे  विभिन्न दलो मे टकराव उत्पन्न हो रहा है!   Article 35-A: भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सेना बढ़ा दी है। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि केंद्र सरकार आर्टिकल 35-ए खत्म करने जा रही है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है। लेकिन जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इसको लेकर आक्रामक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 35-ए के साथ छेड़छाड़ बारूद को हाथ लगाने के बराबर है। इसके

बौद्ध ग्रंथों में बुध के समय में 16 महाजनपदों के मौजूद होने के उल्लेख मिलते हैं!

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            भारतवर्ष के 16. महाजनपद बौद्ध ग्रंथों में बुध के समय में सोलह महाजनपदों के मौजूद होने के उल्लेख मिलते हैं! बौद्ध ग्रंथों में जहाँ भी बुध के समय में सोलह महाजनपदों के मौजूद होने के उल्लेख मिलता है! इतिहासकारों में बुध के जीवन-काल की तिथियों के प्रति अभी भी मतभेद हैं! तथापि यह मन जाता है की बुद्ध छठी तथा पांचवी शताब्दी ईशा पुरवा की दोनों शताब्दियों के कुछ भाग में जीवित थे! इसलिए बौद्ध ग्रंथों में बुध के जीवन काल के उल्ल्लेखों को इस युग के समाज के प्रतिबिम्बन के उद्देश्य से देखा जाता है! यह सोलह महाजनपद उत्तरी-पश्चिमी पकिस्तान से लेकर पूर्वी बिहार तक तथा हिमालय के तराई छेत्रों से दक्छिन में गोदावरी नदी तक फैले हुए हैं! जो निम्न हैं- 1.काशी  2.कौशल  3.अंग  4.मगध  5.वज्जि  6.मल्ल  7.चेदि  8.वत्स   9.कुरु  10.पांचाल  11.मत्स्य  12.सूरसेन  13.अस्मक  14.अवन्ति  15.गांधार  16.कम्बोज भारतवर्ष के 16. महाजनपदो की विस्तारपूर्ण जानकारी के लिए सर्च बॉक्स पर 16. महाजनपदो की विस्तारपूर्ण जानकारी लिख कर सर्च करें!               👉  Blogging Tips

हड़प्पा-सभ्यता मे विनिमय व्यवस्था कैसे थी ? हड़प्पा-सभ्यता के लोगों ने भारतीय उपमहाद्वीपों के भीतर और बहार अंतरछेत्रीय व्यापार का एक बृहद तंत्र स्थापित किया था!

हड़प्पा-सभ्यता के लोगों ने भारतीय उपमहाद्वीपों के भीतर और बहार अंतरछेत्रीय व्यापार का एक बृहद तंत्र स्थापित किया था! लेकिन हमें यह मालूम नहीं था की हड़प्पा-सभ्यता और अन्य छेत्रो के बिच किस प्रकार की विनिमय व्यवस्था प्रचलित थी! इतने बद्र छेत्र के बिच आदान-प्रदान की प्रक्रिया में विभिन्न समुदाय का शामिल होना अवश्यम्भावी है! उस समय देश के एक बड़े भू-भाग में शिकारी संग्रहणकर्ता रहते थे! कुछ छेत्रों में खानाबदोश चरवाहे थे! कुछ समुदायों ने कृषि उत्पादन शुरू कर दिया था! इनकी तुलना में हड़प्पा-सभयता अधिक विकसित थी!  हड़प्पा-सभ्याता के लोग अधिक शिकारी संग्रहणकर्ताओं या किसी और समुदाय के छेत्रों से खनिज पदार्थ प्राप्त करने के लिए क्या तरीके अपनाते थे?  हड़प्पा-सहायता के लोगों ने कुछ ऐसे छेत्रों में अपनी बस्तियां बसाई थी! संभवतया हड़प्पा के लोगों से भिन्न समुदाय हड़प्पा-सभयता के लोगों से किम्मति वस्तुएं प्राप्त करते थे! परन्तु विनिमय एककार्यकलाप नहीं था! बल्कि यहीं समुदायों के मौसमी प्रवास या किसी एक पर जगह पर एकत्रित होने पर निर्भर था! हड़प्पा सभ्यता के व्यापारी उन स्थानों पर जाते थे जहां ये समुदाय मौस

हड़प्पा कालीन नगरों के बिच विनिमय पद्धति कैसी थी? और हडप्प-कालीन विनिमय पद्धति को कैसे नियंत्रित करते थे ?

हड़प्पा-सभ्यता के लोगों ने आपसी व्यापार और विनिमय को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए! दूर फैली हुई हड़प्पा कालीन बस्तियों में भी नाप और तौल की व्यवस्थाओं में एकरूपता थी! तौल निम्न मुल्यांकन में द्विचर प्रणाली के अनुसार है- 1,2,4,8 से 64 तक फिर 150 तक और फिर 16 से गुना होने वाले दशमलव 320,640,1600,3200 आदि ताक! चकमकी पत्थर पत्थर आदि से बनते है साधारणतया घनाभाकार होते है! लम्बाई 37.6CM की एक फुट की एकै पर आधारित थी और एक हाथ की एकै लगभग 51.8 से 53.6cm तक तक होती थी! नाप और तौल की समरूपता व्यवस्था केन्दिर्य प्रशासन द्वारा हड़प्पा-सभ्यता के लोगों में आपसी तथा अन्य लोगों के साथ विनिमय को व्यवस्थित करने के प्रयास की और इशारा करती है! हड़प्पा-सभ्यता की बस्तियों में काफी संख्या में मुहरे और मुद्रांकन पाए गए है! ये मुहरे और मुद्रांकन दुरूदत्त करते है! इनका प्रयोग व्यापारिक गतिविधियों में होता था! इस बात की पुष्टि इस तथ्य से होता है की बहुत से मुद्रांकन में पीछे की और रस्सी और चटाई के निशाँ है! इनमे पाए गए जाने वाले चिन्हों से यह पता चलता है की मुद्रांकन तिजारती माल में ठप्पे की तरह प्रयोग में ला

राहुल गाँधी के रिजाइन लेटर के कुछ महत्वपूर्ण बातें

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स्वागत है दोस्तों आपका मेरे ब्लॉग में... और आज में आपलोगों को कुछ जानकारियां दूंगा कांग्रेस अधयछ राहुल गाँधी रिजाइन पत्र से सम्बंधित!  दोस्तों राहुल गाँधी ने 4/july/2019 को अपना रिजाइन नोटिस ट्वीटर के माध्यम से पेश किये जिसमे उन्होंने अपने रिजाइन देने के कुछ कारणों  को बताते हुए रिजाइन नोटिस देते हैं ! जिसके ख़ास चार बिंदुओं को में इस पोस्ट के माध्यम से बता रहा हूँ   1. 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के लिए मैं जिम्मेदार हूँ और जवाबदेही होना बहुत जरुरी है भविष्य में कांग्रेस की तरक्की के लिए इसलिए में इस्तीफा दे रहा हूँ! 2.वर्तमान में कांग्रेस कठिन परिस्थिति में है और अभी पार्टी में कड़े और पार्टी के पुनर्निर्माण के फैसले लेने होंगे! 3.मेरे रिजाइन के बाद कांग्रेस पार्टी का नया अध्यछ दुबारा गाँधी फेमली या में अध्यछ चुनु ये सही न होकर यदि पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता खुद एक समिति बना कर पार्टी के नए अध्यछ का चुनाव करे तो पार्टी के लिए अच्छा परिणाम होगा! 4.मैं हमेशा इलेक्शन के लिए तैयार रहूँगा और जब विपदा और भारी होजाय और सभी दगे कारतूसों पर तब्दील ह

हड़प्पा-सभयता की कलाकृतियां नृत्य की मुद्रा में नग्न स्त्री, लाल-पत्थर और सेलखड़ी, मुहरें,

हड़प्पा सभ्यता की खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों से यह जानकारी मिलती है की समाज किस तरह अपने वातावरण अपने परिवेश और परिस्थितियों से जुड़ता है या जुड़ने की कोशिस करता है! कलाकृतियाँ हमें यह भी बताती है की समाज प्राकृतिक मानव और ईश्वर के प्रति क्या विचार रखता है पूर्व आधुनिक समाजों के अधययन में कला और शिल्प को अलग-अलग करना कठिन काम है! परन्तु उन सब का अध्ययन एक साथ किया जायेगा! मोहनजोदड़ो की खुदाई में पाए गए हड़प्पा सभ्यत की सम्भवता सबसे प्रसीध कलाकृति है! नृत्य की मुद्रा में नग्न स्त्री की एक कांस्यमूर्ति! सर पीछे की ओर झुकाए आँखें झुकी हुई दाई भुजा कूल्हे पर टिकाए और भुजा निचे लटकी हुई दर्शाने वाली यह नृत्य की स्थिर मुद्रा में है! स्त्री प्रतिमा ने बहुत साड़ी चूड़ियां पहाँइ हुई है! औ उसके बालों को सुन्दर वेणी बानी हुई है! इस मूर्ति को हड़प्पा_कला का अद्वितीय नमूना मन जाता है! भैंसे और भेंड़ की छोटी-छोटी कांस्यकि दो पशुवो की मुद्राओं को सुन्दर ढंग से पेश किया गया है! खिलोनो के रूप में पाईगई कांस्य की दो गाड़िया भी बहुत आकर्षक एवं प्रशिद्ध हैं! हालांकि इनमे से एक हड़प्पा में और दूसरा 650km दू