दच्छिनी अफगानिस्तान में मुंडीगाक नामक स्थान है! ऐसा प्रतीत होता है हड़प्पा काल प्रमुख शहर indian history

                                                     हड़प्पा काल प्रमुख शहर


दच्छिनी अफगानिस्तान में मुंडीगाक नामक स्थान है! ऐसा प्रतीत होता है की यह स्थान व्यापारिक मार्ग पर रहा होगा सिंधु सभ्यता के आरंभिक काल में इस स्थान के निवासी शिल्पकृतियों का प्रयोग करते थे जिनसे एक और ईरान के कुछ नगरों और दूसरी ओर बलूचिस्तान के कुछ नगरों के साथ संबंधों का पता चलता है!खानाबदोश लोगों के कुछ समूहों द्वारा पड़ाव डालने की धीमी शुरुआत से यह स्थान एक घनी आबादी वाला नगर हो गया! इस बात के प्रमाण हैं की यहाँ ऊँची दिवार होती थी! जिसमे धुप सुखाई गयी ईटें के वर्गाकार भवन जिसमे खम्भों की कतारें थी महल के रूप में पहचाना गया है! दूसरा विशाल भवन मंदिर जैसी प्रतीत होती है! इसी स्थान पर मिटटी के बर्तनो की अनेक किस्में भी मिली है! वेलोग प्राकृतिक सहावत के रूप में चिड़ियों लामनबे सिंघ्ह वाले जंडली बकरे बैल और पीपल के पेड़ों को चित्रित करते थे! पक्की मिटटी की बनी हुई स्त्रियों की छोटी-छोटी मूर्तियां भी मिली हैं जो बलूचिस्तान की बस्तियों में पाई गयी मूर्तियों से मिलती-जुलती हैं! वे कांसे की मूठदार कुल्हाड़ियों और बसलीओन का प्रयोग करते थे! सेलखड़ी और लाजवर्द जैसे अलप अमूल्य पत्थरों से ईरान और मध्य एशिया के साथ अनेक संबंधों का पता चलता है क्युकी ये पत्थर स्थानीय रूप से उपलब्ध नहीं थे!
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