नरम दल और उनके कार्य
नरम दल(उदारवादी) अपने पहले चरण (१८८५-१९०५) में कांग्रेस का कार्यक्रम बहुत सिमित था! उसकी मांगें हलके फुल्के संवैधानिक सुधारों आर्थिक सहायता प्रशासकीय पुनर्संगठन तथा नागरिक अधिकारों की सुरच्छा तक सिमित थी! नरम दल की मुख्य मांगें इस प्रकार थी :- 1)प्रांतीय काउंसिल का गठन २)इंडियन सिविल सेवा(आई.सी.एस) की पृच्छा का इंग्लॅण्ड के साथ ही साथ भारत में भी आयोजन 3)न्यायपालिका का कार्य पालिका से पृत्थकीकरण 4)आर्म्स एक्ट को रद्द करना 5)सेना भारियों की कमीशन ऑफिसरों के पद पर नियुक्ति 6)सैनिक व्यय में कमी तथा 7)भारत के सभी भागों में भूमि के स्थाई बंदोबस्त का प्रचलन कांग्रेस ने सरकार द्वारा उठाए सभी महत्वपूर्ण क़दमों और नीतियों पर अपनी राय दी और उसकी गलत नीतियों की आलोचना की तथा उनका विरोध किया! इन मांगों को हर साल दोहराया गया किन्तु सर्कार ने इन पर शायद ही कभी ध्यान दिया हो! पहले बिस वर्ष(१८८५-१९०५) में कांग्रेस के कार्यक्रम में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ! उसकी मुख्य मांगें लगभग वही बानी रही जो उसके पहले तीन या चार अधिवेशनों में पेश की गई थी! कांग्रेस का यह काल नरम दल का युग कहलाता ह