मोपला विद्रोह 1921

                          मोपला विद्रोह
1850-1900 के बिच मालाबार में मोपला विद्रोह शुरू हुआ! चूँकि जन्मी जमींदारों को पुलिस कानून और कर अधिकारीयों द्वारा समर्थन मिल रहा था अतएव उन्होंने मोपला कृषकों पर अपनी गिरफ्त बढाई! कृषकों ने जमींदारों और अंगेर्जों के खिलाफ विद्रोह कर दिया! यह एक रोचक तथ्य है की उक्त जो मुख्य रूप से आमिर और गरीब के बिच की लड़ाई थी को आऊप्नवेशिक शासकों ने सांप्रदायिक रूप दे दिया क्योंकि जमींदार हिन्दू और कृषक मुसलमान थे! जमींदारों का आधिकारिक बढ़ता अत्याचार 1880 तक चलता रहा! कृषकों का गाला घोटने के लिए उन्होंने कई विद्रोहियों को जिन्दा जला दिया ताकि उनका उत्साह समाप्त हो जाए! परन्तु इसके विपरीत बदले की भावना कृषको में तेजी से बढ़ गई!

1857 में मोपला कृषकों की ओर से मद्रास सरकार को बेनामी दरखास्त दी गई जिसके कारन जांच शुरू हुई! 1882-85 के बीच पुनः जमींदारों और कृषकों के बीच मनमुटाव बढ़ा और कृषकों ने लूट और आगजनी के साथ-साथ मंदिरों को भी नुक्सान पहुँचाया! इन कारनामों की वजह से इस विद्रोह को जो मुख्य रूप से जमींदार और कृषकों के बीच का वर्ग संघर्ष था हिन्दू विरोधी संघर्ष का नाम दे दिया गया! और 1896 तक मोपला विद्रोह ने आक्रामक रूप ले लिया! 

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