उजबेगों और सफवियों का पूर्ववर्ती इतिहास -Takeknowledge
उज़बेग
तूरान या ट्रान्सऑक्सियाना के उजबेग चंगेज के बड़े पुत्र जोची के वशंज थे। उन्होंने जूजी के अधीनस्थ दश्त-ए-किपचक के उजबेग खाँ (1212-40) पर अपना नाम आधारित किया था। उज़बेग चगताई तुर्की बोलते थे और तुर्क-मंगोल परंपरा का निर्वाह करते थे। वे कट्टर सुन्नी थे और हनफी कानून मानते थे। नैमान, कुशजी, दुर्मान, कुनघरात और अन्य तुर्क-मंगोल जनजातियां उजबेग राज्य को अपना समर्थन देती थीं । बार-बार आक्रमण करके इनके विरोधी कबीलों (मंगोल, कज़ाक और किरधिज) ने इनकी शक्ति काफी कम कर दी।
सफ़वी
सफ़वी मूलतः ईरानी (कुर्दिस्तान से) थे। वे शिया और फारसी इस्लामी परंपरा का निर्वाह करते थे। वे शासन करने के लिए लाये गये थे। वे अजरी तुर्की और फारसी बोलते थे। सूफी मूल के होने के कारण उन्होंने बाद में एक प्रभावी वंशावली तैयार की। सफवी शक्ति का मूल आधार तुर्कमान जनजातियों का संगठन था पर प्रशासनिक नौकरशाही में ईरानी तत्व भी बराबरी के स्तर पर मजबूत था। बाद में जॉरजियन और सिरकासियन नामक दो समूह और जुड़े। ये चारों तत्व (खासकर तुर्कमान समूह) बाहरी राजनीतिक संबंधों को मजबूती देने के स्रोत थे, क्योंकि वे हमेशा एक दूसरे के खिलाफ षड्यंत्र करते रहते थे
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